Tuesday, May 27, 2008

आरुशी हत्याकांड और पोलीस की जल्दबाजी


नोएडा के सनसनी खेज आरूशी - खेमराज हत्याकांड की जांच कर रही उतत्र प्रदेश पोलीस द्वारा जल्दबाजी में और बीना कीसी सबूत के आरूशी-खेमराज और राजेश तलवार-डॉ अनिता के बीच सम्बन्ध होने की बात करना अनैतिक है।

यदी यह बात ग़लत साबीत हुई तो उनकी मानहानी के लिए कौन जीम्मेदार होगा?
क्या सरकार इसकी भरपाई कर सकेगी?

Sunday, May 4, 2008

राज ठाकरे का आन्दोलन

आज कल "राज ठाकरे" और मुम्बई में "बाहरी लोग" चर्चा का आम विषय है।

राज के विचारों के बारे में लोगों की अलग अलग राय है। ये अलग बात है कि कई लोग राजनीतिक कारणों से राज के समर्थन में नहीं बोल पा रहे है। पर मुम्बई ही नहीं वरन देश के सभी महानगरों पर हर रोज़ लाखों नए लोगों के भार से कई तरह की समस्याएँ उत्पन्न हो रही है।


अगर हम कुछ समय पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित का बयान याद करें, तो उन्होंने भी दिल्ली की व्यवस्था पर बाहरी लोगों के बढ़ते भार पर चिंता व्यक्त की थी। ये अलग बात है कि राजनीतिक दबाव के चलते उन्हें अपना बयान वापस लेना पडा था, पर इससे समस्या की गंभीरता स्पष्ट होती है।

राज ठाकरे के आन्दोलन को राजनीती से प्रेरित माना जा रहा है। जो धीरे धीरे प्रान्तवाद में परिवर्तित होता जा रहा है। मेरे विचार से इस प्रश्न को राजनीतिक प्रश्न न मानते हुए इसके मूल कारण का विचार करना चाहिए। और मूल प्रश्न है "रोजगार" ।

उत्तर प्रदेश हो या बिहार या कोई भी अन्य प्रांत, किसी भी व्यक्ति के महानगर की और रुख करने का एकमात्र कारण केवल रोजगार है। छोटे शहरों या गावों में जब तक रोजगार उपलब्ध नही होगा तब तक लोगों का शहरों की और पलायन जारी रहेगा।

लेकिन सरकार, मीडिया और राजनीतिक दल बजाय मूल प्रश्न को सुलझाने के अपने अपने तरीकों से स्वार्थ सिद्ध करने में लगे है। गावों में रोजगार के अवसर उत्पन्न करने में पिछली सभी सरकारें असफल रही है, ऐसे में जरुरत है नए तरीके से सोचने की।

उत्तर प्रदेश के एक युवा सामाजिक कार्यकर्त्ता श्री भारत गांधी के विचारों को इस समय गंभीरता से लिया जाना चाहिए। श्री गांधी ने गहन अध्ययन करके votership की संकल्पना की है । जिसके अनुसार देश के प्रत्येक मतदाता को उनके मतदान के एवज में 1750 रुपये दिए जाना चाहिए जिससे समाज के निचले स्तर तक पैसा पहुंचेगा और लोगों की खरीदने की क्षमता बढेगी। इस वोटर शिप को देने के लिए आवश्यक धन के लिए श्री गांधी की सलाह है कि सरकार वे सभी जनहित कार्यक्रम बंद कर दे जिसके द्वारा पैसा लोगों को बांटा जा रहा है। इससे ना केवल भ्रष्टाचार में कमी होगी वरन मतदान का प्रतिशत बढेगा, सीधे पैसा मिलाने से जनता का जीवन स्तर सुधरेगा, शहरों की और पलायन रुकेगा और भीक मँगाने, चोरी आदी अपराधों में भी कमी आयेगी । साथ ही मतदान आवश्यक होने से चुनाव में खर्च कम होगा। इस प्रस्ताव का अनुमोदन सभी राजनीतिक दलों के १०० से अधिक सांसदों ने कर लोकसभा के सभापती को प्रेषित किया है।

श्री भरत गांधी के प्रस्ताव को http://www.votership.com/ पर देखा जा सकता ।