
मनमोहन सरकार ने अंतत: संसद में विश्वास मत प्राप्त कर ही लिया ये बात किसी से छुपी नहीं है की २७५ का आंकडा छूने के लिए उनके साथियों को क्या क्या नहीं करना पडा ये बात तब कन्फर्म हो गयी जब तीन सांसदों ने संसद में नोटों की गड्डियां लहरा कर दिखाई
राजदीप सरदेसाई ने अपने चेनल पर स्वीकार किया कि उनके पास रुपयों ले लेनदेन के सबूत मौजूद है लेकिन उन्हें प्रसारित नहीं किया गया
बिना सिरपैर की खबरें, वो भी बिना किसी सबूत के घंटों चलाने वाला इलेक्ट्रोनिक मीडिया, जो सनसनी फैलाने वाली खबरें ब्रेकिंग न्यूज़ के नाम से चलाने में क्षण मात्र की भी देर नहीं करता, कैसे इस प्रकार की अति महत्वपूर्ण ख़बर प्रसारित नहीं करने का निर्णय ले सकता है??
क्या अमन वर्मा, शक्ति कपूर जैसों के स्टिंग ओपरेशन क्या आम जनता के हित के विषय थे?? जिनकी जुगाली हमारे न्यूज़ चेनल कई दिनों तक करते रहे
राजदीप, आप पर पहले ही भाजपा विरोधी होने के आरोप लगते रहे है, ऐसे में आपका वोटों की खरीद फरोक्त के स्टिंग ओपरेशन को प्रसारित नहीं करने का निर्णय आपके दर्शकों को क्या संदेश देगा? क्या आपकी निष्पक्षता पर यह एक प्रश्न चिन्ह नहीं है? क्या जनता को सच देखने का अधिकार नहीं है? क्या आपका इस सच को उजागर करने का कर्तव्य नहीं है??
इस बारे में आपका कोई भी तर्क एक आम हिन्दुस्तानी को मानी नहीं होगा
मुझे उम्मीद है कि आपको पद्मश्री या राज्यसभा की ख्वाइश नही है...
पाठकों! आपको क्या लगता है???
मुझे उम्मीद है कि आपको पद्मश्री या राज्यसभा की ख्वाइश नही है...
पाठकों! आपको क्या लगता है???